Friday, November 9, 2018

धन वर्षाने वाली सात दुर्लभ लक्ष्मी साधनाएं

धन वर्षाने वाली सात दुर्लभ लक्ष्मी साधनाएं    
Article courtesy: GURUTVA JYOTISH Monthly E-Magazine November-2018
लेख सौजन्यगुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018) 
धन वर्षा का अर्थ यहां आसमान से धन की बारिश होना नहीं हैं। धन वर्षा का अर्थ यहां जीवन से धन अभाव को दूर करना मात्र हैं। अतः बुद्धिजीवी पाठकों से निवेदन हैं की अपनी बुद्धि विवेक से इस अर्थ के गूढ़ रहस्य को समझने का प्रयास करें। सच्चे धन की प्राप्ति मनुष्य को केवल पुरुषार्थ और पूर्ण परिश्रम से ही संभव हैं।
विद्वानों के मतानुसार की बिना परिश्रम से प्राप्त धन स्थिर नहीं रहता। धन की प्राप्ति किसी चमत्कार से नहीं होती, धन की प्राप्ति केवल परिश्रम से होती हैं। शास्त्रोक्त वर्णित उपायों से मनुष द्वारा किये गये परिश्रम के फल में वृद्धि संभव हैं। इन उपायों का मुख्य उद्देश्य मनुष्य को होने वाले लाभ की प्राप्ति में आने वाले विघ्न-बाधा एवं रुकावटों को दूर करना एवं लाभ के फल में वृद्धि करना हैं।
धन लक्ष्मी साधना
साधना हेतु सामग्री:-
माला: कमलगट्टे की या स्फटिक की
दिशा: उत्तर | आसन: पीला | वस्त्र: पीला
प्रसाद: दूध से बने प्रसाद का भोग लगाये
मंत्र:
ॐ श्रीं श्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी आगच्छ आगच्छ मममंदे तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा ||
Om Shreem Shreem Kleem Shreem Lakshmi Aagachchha Aagachchha Mamamande Tishtha Tishtha Swaha

विधि:
·       यह साधना किसी भी शुक्रवार को शुरू कि जा सकती हैं, उक्त मंत्र का 11 माला जप 43 दिन तक करने से मंत्र सिद्ध होता है, लेकिन यदि अक्षय तृतीया, धन तेरस और दीपावली आदी शुभ मुहूर्त होत तो इसे 21 दिन करके सिद्ध कर सकते हैं। 
·       साधना हेतु संध्या 7 बजे से रात 10 बजे तक का समय श्रेष्ठ होता हैं। यदि समय के अनुकूलता नहो तो अपनी सुविधानुसार समय चून सकते हैं।
·       पूजन के समय शुद्ध घी का दिपक जलाये जो साधना पूर्ण होने तक जलता रहे और सुगंधित अगरवती जलाये रखे। 
·       देवी लक्ष्मी जी को भोग में खीर या घर में बनी मिठाई का भोग लगाये।
·       श्री गणेश जी और अपने गुरुदेव का स्मरण कर साधना में सफलता की कामना करते हुवे साधना करें।
·       साधना की समाप्ति वाले दिन मंत्र का 11 माला अर्थात(1188) बार हवन करें, हवन में घी की आहुती दे। यदि किसी कारण से आहुति देने में असमर्थ हो तो आहुति की संख्या से दोगुना मंत्रजाप सम्प्पन कर सकते हैं।  
·       इस लक्ष्मी साधना के प्रभाव से व्यक्ति के पास किसी ना किसी माध्यम से धन आने लगता हैं। यह संभव नहीं की इस साधना के बाद भी व्यक्ति निर्धन रहें। 
आर्थिक लाभ एवं कार्यसिद्धि हेतु लक्ष्मी मंत्र साधना 
साधना हेतु सामग्री:
माला: स्फटिक की
दिशा: उत्तर या पूर्व
आसन: पीला
वस्त्र: सफ़ेद
प्रसाद: फल

मंत्र:
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं हं सौ जगत्प्रसूत्यै नमः।
Om Aim Hreem Shreem Kleem Ham Sou Jagatprasootyai Namah

विधि:
·       प्रातःकाल स्नानइत्यादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर पीले आसन पर बैठ जाये। लक्ष्मीजी के चित्र या मूर्ति को एक लकड़ी के चौकी पर रखदे।
·       लक्ष्मीजी को धूप-दीप इत्यादि से विधिवत पूजन करें, साधन काल में धूप-दीप चालु रखें। पीले या स्वेत फूल लक्ष्मीजी को अर्पित करें। यदि संभव हो तो एक फल भी लक्ष्मीजी को अर्पित करें।
·       फिर उपरोक्त मंत्र की 10 या 20 माला जाप करें। मंत्र की सिद्धि हेतु कुल 25000 जाप करें।
·       मंत्र जाप पूर्ण होने के पश्चयात प्रतिदिन 1 माला जप जरे। इस साधना को करने से साधक को धनलाभ होता हैं और इच्छित कार्य में सफलता प्राप्त होति हैं ( यदि अनुकूलता होतो प्रतिदिन 1000, 3000 या 5000 जाप भी कर सकते हैं।
·       जाप जितना अधिक होगा उतना अधिक लाभ मिलेगा। मंत्र सिद्धि 25000 जाप पूर्ण होने के पश्चयात प्रतिदिन नियम से एक निश्चित मात्रा में ही जाप करें, जप संख्या को कम या अधिक करने पर प्रतिकूल परिणाम संभव हैं।
·       ग्रहण काल, दीपावली, होली, अक्ष्यतृतिया आदि अबूझ मुहूर्त मुहूर्त पर अधिक फल प्राप्ति हेतु एवं मंत्र के प्रभाव को बढ़ाने हेतु अधिक मात्रा में जप किया जा सकता हैं, क्योकि, प्रतिदिन किये जारहे मंत्र जप कि अपेक्षा इन अवसरों पर प्रतिकूल परिणामों की संभावना नहीं होती इस लिये इन अवसरों पर जप अधिक संख्या में किये जा सकते हैं।
अनुभूत महालक्ष्मी मंत्र साधना
साधना हेतु सामग्री:
माला: कमल गट्टेकी या स्फटिक की
दिशा: उत्तर या पूर्व
आसन: पीला
वस्त्र: सफ़ेद
प्रसाद: फल या मिश्री
मंत्र: 
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
Om Shreem Hreem ShreeM Kamale Kamalalaye Praseeda Praseeda Shreem  Hreem Om Mahalakshmyai Namah
विधि:
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से (या ग्रहण काल, दीपावली, होली, अक्ष्यतृतिया आदि किसी शुभ मुहूर्त) से मंत्र जाप शुरु करें। और एक मास में सवा लाख मंत्र जाप पूर्ण करें। फिर उपरोक्त मंत्र की प्रतिदिन 1 माला जप करें। इस साधना से अत्याधिक धन लाभ होने के योग बनने लगते हैं। लक्ष्मीजी को धूप-दीप इत्यादि से विधिवत पूजन करें, साधन के समय में धूप-दीप चालु रखें। सुगंधित फूल लक्ष्मीजी को अर्पित करें। यदि संभव हो तो एक फल या मिश्री भी लक्ष्मीजी को अर्पित करें। मंत्र जाप पूर्ण होने से पहले ही साधक को आर्थिक लाभ मिलना शुरु हो जाता हैं, इस में जरा भी संदेह नहीं हैं।
शीघ्र फलदायी लक्ष्मी मंत्र साधना
साधना हेतु सामग्री:
माला: स्फटिक की
दिशा: उत्तर या पूर्व
आसन: पीला
वस्त्र: सफ़ेद
मंत्र:
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी महालक्ष्मीं सर्व काम प्रदे सर्व सौभाग्यदायिनी अभिमंत्र
प्रयच्छ सर्व सर्वगते सुरुपे सर्वदुर्जय विमोचिनी ह्रीं सः स्वाहा।
Om Hreem Shreem Lakshmi Mahalakshmim Sarv Kam Prade Sarv Soubhagyadaayinee
Abhimantra Prayachchha Sarv Sarvagate Surupe Sarvdurjaya Vimochini Hreem Sah Swaha

विधि:
प्रतिदिन नियमित समय पर मंत्र जप करें। लकड़ी की चौकी पर लक्ष्मीजी का चित्र स्थापित कर उसका धूप-दीप इत्यादि से विधिवत पूजन करें, साधन के समय में धूप-दीप चालु रखें। सुगंधित फूल लक्ष्मीजी को अर्पित करें। 20 दिन में एक लाख जाप पूर्ण करें। जाप पूर्ण होने के पश्चयात प्रतिदिन 1 माला जाप करें। इस साधना से साधन की आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता हैं, और उसे माँ लक्ष्मी की कृपा से सुख-संपत्ति और वैभव की प्राप्ति होती हैं।

चिंता मणि लक्ष्मी साधना
साधना हेतु सामग्री:
माला: स्फटिक की
दिशा: पश्चिम
आसन: पीला
वस्त्र: सफ़ेद
प्रसाद: दूध से बने प्रसाद का भोग लगाये
मंत्र:
ॐ ह्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी मम ग्रहम् धनपूर चिंता दूर दूर सवाहा !
Om Hreem Shreem Shreem, Shreem, Shreem Shreem Shreem Shreem
Lakshmi Mam Graham Dhanpur Chinta Door Door Swaha
विधि:
·       श्री गणेश जी और अपने गुरुदेव का स्मरण कर साधना में सफलता की कामना करते हुवे साधना करें। ग्रहण काल, दीपावली, होली, अक्ष्यतृतिया आदि अबूझ मुहूर्त में देवी लक्ष्मी का धूप-दिप आदि से पूजन कर इस मंत्र को 108 बार जप करके सिद्ध कर ले।
·       फिर जब कोई महत्वपूर्ण व्यवसायीक कार्य करना हो तो तब उक्त मंत्र का पुनः 108 बार जप करके कार्य स्थल पर जाने से व्यापार आदि महत्वपूर्ण कार्यों में बढो़तरी एवं अत्याधिक लाभ की प्राप्ति होती हैं।
·       लक्ष्मी प्राप्ति के एकाधिक स्तोत्र बनने लगेंगे और यदि कोई बेरोजगार हो व्यक्ति को आमदनी का कोई साधन नजर नहीं आ रहा हो तो भी इस मंत्र को सिद्ध कर सकता हैं और सिद्ध करने के पश्चयात 11 दिन 108 बार जप करने से व्यक्ति को उत्तम रोजगार की प्राप्ति के योग बनने लगते है।
·       यदि परिवार में कोई न कोई कमी रहती हैं या घर की प्रगति या उन्नति के मार्ग प्रसस्त नहीं हो पारहे हो या अत्याधिक कर्ज सर पर चढ़ गया हो तो भी इस मंत्र को सिद्ध कर सकते हैं।
·       यदि अबूझ मुहूर्त के आने से पहले इस मंत्र को सिद्ध करने की आवश्यक्ता या इच्छा हो तो इस मंत्र का जाप 11 दिन तक 108 वार हर रोज जपने से भी मंत्र सिद्ध होता है।

ऋद्धि-सिद्धि प्रद पद्मावती साधना

साधना हेतु सामग्री: केसर,
यंत्र: मंत्रसिद्ध प्राणप्रतिष्ठित श्री यंत्र
माला: कमल गट्टेकी या स्फटिक की
दिशा: उत्तर
आसन: सफ़ेद 
वस्त्र: सफ़ेद 

मंत्र:
ॐ पद्मावती पद्मनेत्रे लक्ष्मीदायिनी सर्व कार्य सिद्धि
करि करि ॐ ह्रीं श्रीं पद्मावत्यै नमः।
Om Padmavati Padmanetre Lakshmidayinee Sarv Karya Siddhi
Kari Kari Om Hreem Shreem Padmavatyai Namah

विधि:
किसी भी बुधवार से मंत्र जाप प्रारंभ करें। लकड़ी की चौकी पर सफेद वस्त बिछा कर उस पर मंत्रसिद्ध प्राणप्रतिष्ठित श्री यंत्र को स्थापित करें। यंत्र को शुद्ध जल से स्नान कराके, उसपर केसर लगाये, उसका धूप-दीप इत्यादि से विधिवत पूजन करें, साधन के समय में धूप-दीप चालु रखें।
उक्त मंत्र का 5 या 11 दिनों में सवा लाख जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता हैं। मंत्र जाप पूर्ण होने पर कुंवारी कन्याओं को भोजन कराये, यथा शक्ति सामर्थ्य के अनुसार भेट में वस्त्र इत्यादि दें। फिर उस यंत्र को अगले दिन अपने व्यवसायेक प्रतिष्ठान या तिजोरी, कैश बोक्स या पूजा स्थान में स्थापित करदे इससे व्यवसाये मेम विद्धि होती हैं, समाज में चारों और साधन का यध कीर्ति चरों और फैलने लगती हैं। साधन दिन प्रति-दिन समृद्ध होता जाता हैं। जब तक यंत्र साधन के पास रहेगा तब-तब उसे जीवन में किसी चिज की कमी नहीं होगी।

लक्ष्मी प्राप्ति हेतु घंटाकर्ण महाविर साधना
साधना हेतु सामग्री: केसर, चंदन, वासकेप, गुलाब फूल
यंत्र: श्री घंटाकर्ण महाविर यंत्र अथवा घंटाकर्ण महाविर पताका यंत्र(यदि यंत्र की सामर्थ्यता न हो तो घंटाकर्ण महाविर जी का चित्र स्थापित करलें।)
माला: मूंगे की
दिशा: उत्तर
आसन: पीला
वस्त्र: लाल पीतांबर
मंत्र:
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ठं ॐ घण्टाकर्ण महावीर लक्ष्मी
पूरय पूरय सुख सौभाग्य कुरु कुरु स्वाहा।
Om Hreem Shreem Kleem Thah Om Ghantakarna Mahaveer Lakshmi
Pooray Pooray Sukha Soubhagya Kuru Kuru Swaha

विधि:
यह साधना यदि दीपावली में धन त्रयोदशी से आरंभ की जाये तो श्रेष्ठ हैं यदि अन्य काल में शुरु करनी पडे़तो किसी भी गुरुवार से इसे आरंभ कर सकते हैं।
धन त्रयोदशी (धनतेरस) के दिन उक्त मंत्र की 40 माला, रुप चतुर्दशी (अर्थात नरकहरा चतुर्दशी, नरका चौदस, काली चतुर्दशी, काळीचौदस,) को 42, दीपावली के दिन 43, माला जाप करें। यदि अन्य दिन से आरंभ कर रहे हो तो गुरुवार को 40, शुक्र वार को 42 और शनिवार को 43 माला मंत्र जप करें।
लकड़ी की चौकी पर सफेद वस्त बिछा कर उस पर मंत्रसिद्ध प्राणप्रतिष्ठित श्री घंटाकर्ण महाविर यंत्र या चित्र को स्थापित करें। शुद्ध चंदन और केसर का सुखा मिश्रण  (वासकेप) छिड़के, यदि यह द्रव्य अप्राप्त हो तो अष्टगंध छिड़के(नोट:द्रव्य केवल सुखा छिड़के श्री घंटाकर्ण महाविर के पूजन में जल मिश्रित घोल का प्रयोग न करें।), उसका धूप-दीप (शुद्ध चंदन धूप का प्रयोग श्रेष्ठ)इत्यादि से विधिवत पूजन करें, साधन के समय में धूप-दीप चालू रखें। सुगंधित देशी लाल गुलाब फूल के प्राप्त हो जाये तो लगाये अन्यथा पीला, सफेद, गुलाबी रंग का गुलाब भी लागा सकते हैं।
फिर श्री घंटाकर्ण महाविर के उपरोक्त मंत्र का पूर्ण श्रद्ध एवं निष्ठा से जाप करें। साधना पूर्ण होने पर श्री घंटाकर्ण महाविर प्रसन्न होते हैं शीध्र ही साधक को लक्ष्मी की प्राप्ति के योग बनने लगते हैं। साधना संपन्न होने पर प्रतिदिन उक्त मंत्र कि 1 माला जप करें।
विशेष नोट:  श्री घंटाकर्ण महाविर का पूजन करने वाले साधको हेतु मासं-मदिरा, कुसंग इत्यादि निषेध हैं। अतः मांस-मछली, शराब इत्यादि का सेवन करने वाले व्यक्ति कृप्या यह प्रयोग न करें। अन्यथा श्री घंटाकर्ण महाविर के प्रकोप से साधना का प्रतिकूल परिणाम संभव हैं। श्री घंटाकर्ण महाविर इस कलियुग में शीघ्र प्रसन्न होने वाले साक्षात देव हैं, इस मे जराभी संदेह नहीं हैं। इस साधना के पश्चयात मासं-मदिरा, परस्त्री-पुरुष इत्यादिका सेवन करने पर साधन द्वारा सिद्ध किया गया मंत्र प्रभाव हीन हो जाता हैं।
 GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE NOVEMBER-2018
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Article courtesy: GURUTVA JYOTISH Monthly E-Magazine November-2018
लेख सौजन्यगुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018) 

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