Thursday, November 8, 2018

जब रुक्मणी जी ने प्रश्न किया किसे प्राप्त होती हैं लक्ष्मीजी ?

जब रुक्मणी जी ने प्रश्न किया किसे प्राप्त होती हैं लक्ष्मीजी ?
Article courtesy: GURUTVA JYOTISH Monthly E-Magazine November-2018
लेख सौजन्यगुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018) 
भगवान श्रीकृष्ण के साथ उपस्थित रुक्मणी जी ने लक्ष्मी जी से पूछाः हैं भगवान नारायण की प्रियतमे ! आप इस जगत में किन प्राणियों पर कृपा करके उनके यहाँ रहती हो? किस स्थान निवास करती हो और किन-किनका पदार्थो का सेवन करती हो? उन सबके विषय में आप मुझे विस्तार से बताओ।
रुक्मणी जी के इस प्रकार पूछने पर लक्ष्मी जी ने प्रसन्न होकर भगवान श्री कृष्ण के सामने ही मीठी वाणी में लक्ष्मीजी बोलीं- देवि ! मैं प्रतिदिन ऐसे पुरुष में निवास करती हूँ, जो सौभाग्यशाली, निर्भीक, कार्यकुशल, कर्मपरायण, क्रोधरहित, भगवत्परायण, कृतज्ञ, जितेन्द्रिय तथा बढ़े हुए सत्त्वगुण से युक्त हों।
जो पुरुष अकर्मण्य, नास्तिक, वर्णसंकर, कृतघ्न, दुराचारी, क्रूर, चोर तथा गुरुजनों के दोष देखनेवाला हो, उसके भीतर मैं निवास नहीं करती हूँ। जिनमें तेज, बल और सत्त्व की मात्रा बहुत अल्प हो, जो हर बात में खिन्न हो उठते हों, जो मन में दूसरा भाव रखते हैं और ऊपर कुछ और ही दिखाते हैं, ऐसे मनुष्यों में मैं निवास नहीं करती हूँ। जिसका अंतःकरण मूढ़ता से आच्छान्न है, ऐसे मनुष्यों में मैं भलीभाँति निवास नहीं करती हूँ।
जो स्वभावतः स्वधर्मपरायण, धर्मज्ञ, बड़े-बूढ़ों कि सेवा में तत्पर, जितेन्द्रिय, मन को वश में रखने वाले, क्षमाशील और सामर्थ्यशाली हैं, ऐसे पुरुषों में मैं निवास करती हूँ। जो स्त्रियाँ स्वभावतः सत्यवादिनी तथा सरलता से संयुक्त हैं, जो देवताओं और द्विजों की पूजा करने वालीं, उनमें भी मैं निवास करती हूँ।
जो अपने समय को कभी व्यर्थ नहीं जाने देते, सदा दान और शौचाचार में तत्पर रहते हैं, जिन्हें ब्रह्मचर्य, तपस्या, ज्ञान, गौ और द्वि परम प्रिय हैं, ऐसे पुरुषों में मैं निवास करती हूँ। जो स्त्रियाँ, देवताओं तथा ब्राह्मणों कि सेवा में तत्पर, घर के बर्तन-भाँडों को शुद्ध तथा स्वच्छ रखने वाली और गौओं कि सेवा तथा धान्य के संग्रह में तत्पर होती हैं, उनमें भी मैं सदा निवास करती हूँ।
जो घर के बर्तनों को सुव्यवस्थित रूप से रखकर इधर-उधर बिखेरे रहती हैं, सोच-समझकर काम नहीं करती हैं, सदा अपने पति के प्रतिकूल ही बोलती हैं, दूसरों के घरों में घूमने फिरने में आसक्त रहती हैं और लज्जा को सर्वथा छोड़ बैठती हैं, उनको मैं त्याग देती हूँ।
जो स्त्री निर्दयतापूर्वक पापाचार में तत्पर रहने वाली, अपवित्र, चटोर, धैर्यहीन, कलहप्रिय, नींद में बेसुध होकर सदा खाट पर पड़ी रहने वाली होती हैं, ऐसी नारी से मैं सदा दूर ही रहती हूँ।
जो स्त्रियाँ सत्यवादिनी और अपनी सौम्य वेश-भूषा के कारण देखने में प्रिय होती हैं, जो सौभाग्यशालिनी, सदगुणवती, पतिव्रता और कल्याणमय आचार-विचार वाली होती हैं तथा जो सदा वस्त्राभूषणों से सुसज्जित रहती हैं, ऐसी स्त्रियों में सदा निवास करती हूँ।
जहाँ हँसों की मधुर ध्वनि गूँजती रहती है, पक्षी के कलरव जिनकी शोभा बढ़ाते हैं, जो अपने तटों पर फैले हुए वृक्षों कि श्रेणियों से शोभायमान हैं, जिनके किनारे तपस्वी, सिद्ध और ब्राह्मण निवास करते हैं, जिनमें बहुत जल भरा रहता है तथा सिंह और हाथी जिनके जल में अवगाहन करते रहते हैं, ऐसी नदियों में भी मैं सदा निवास करती रहती हूँ।
सत्पुरुषों में मेरा नित्य निवास है। जिस घर में लोग अग्नि में आहुति देते हैं, गौ, ब्राह्मण तथा देवताओं की पूजा करते हैं और समय-समय पर जहाँ फूलों से देवताओं को उपहार समर्पित किये जाते हैं, उस घर में मैं नित्य निवास करती हूँ। सदा वेदों के स्वाध्याय में तत्पर रहने वाले ब्राह्मणों, स्वधर्मपरायण क्षत्रियों, कृषि-कर्म में लगे हुए वैश्यों तथा नित्य सेवापरायण शूद्रों के यहाँ भी मैं सदा निवास करती हूँ।
मैं मूर्तिमति तथा अनन्यचित्त होकर तो भगवान नारायण में ही संपूर्ण भाव से निवास करती हूँ, क्योंकि उनमें महान धर्म समाहित है। उनका ब्राह्मणों के प्रति प्रेम है और उनमें स्वयं सर्वप्रिय होने का गुण भी है।
देवी ! मैं नारायण के अलावा अन्यत्र शरीर से नहीं निवास करती हूँ। मैं यहाँ ऐसा नहीं कह सकती कि सर्वत्र इसी रूप में रहती हूँ। जिस पुरुष में भावना द्वारा निवास करती हूँ, वह, धर्म, यश और धन से संपन्न होकर सदा बढ़ता रहता है। (महाभारत, अनुशासन पर्व, अध्यायः11)
 GURUTVA JYOTISH E-MAGAZINE NOVEMBER-2018
(File Size : 7.07 MB)
(If you Show Issue with this link Click on  Below Link)
Article courtesy: GURUTVA JYOTISH Monthly E-Magazine November-2018
लेख सौजन्यगुरुत्व ज्योतिष मासिक ई-पत्रिका (नवम्बर-2018) 


No comments:

Post a Comment

14 Minutes Relaxing Music Time with Beautiful Scenery For Stress Relief | Calming Meditation For Relaxation | Sleep

a relaxing music, play a relaxing music, download a relaxing music, soothing and relaxing music, peaceful and relaxing music, soft and relax...

Store Location

GURUTVA KARYALAY

Address:

92/3, BANK COLONY,

BRAHMESHWAR PATNA ,

BHUBANESWAR- PIN- 751018,

(ODISHA) INDIA

Keep in Touch on Whatsapp / Phone:

91+9338213418, 91+9937591518, 91+9238328785, 91+8093050401

Mail us :-

gurutva_karyalay@yahoo.in

gurutva.karyalay@gmail.com

chintan_n_joshi@yahoo.co.in